Tuesday, September 03, 2024

Queen’s Proclamation 1858 in Hindi with Video

 

ब्रिटेन की महारानी की घोषणा 1858

भारत सरकार का कानून 1858  - गवर्नमेंट ऑफ इंडिया ऐक्ट अगस्त ।858 में पारित किया गया। भारत का शासन महारानी की घोषणा द्वारा भारत का राज अपने अधिकार में कर लिया गया। यह घोषणा 1858 कानून के  एक प्रावधान को पूरा करने के लिए महारानी द्वारा जारी की गई। यह घोषणा नवंबर एक, 1858 को की गई। उस दिन से भारत पर ब्रिटिश महारानी का राज्य शुरू हुआ।

 

महारानी की घोषणा की शब्दावली महारानी विक्टोरिया के निरीक्षण में लिखाई गयी थी। इस घोषणा को लॉर्ड कैनिंग  ने इलाहाबाद दरबार में एकत्रित भारतीय राजाओं और जनता के समक्ष पढ़ा था।

 

महारानी की घोषणा के निम्नलिखित बिंदु थे।

एक.           ब्रिटिश महारानी ने संकल्प लिया कि भारत के भूखंड का प्रशासन वे अपने अधिकार क्षेत्र में लेती है, जिसे तब तक उनके लिए वे शासन ईस्ट इंडिया कंपनी चार्टर के कानून के आधीन चलाती आ रही थी।

 

दो.               महारानी ने भारत की प्रजा को आह्वान किया कि भारतीय प्रजा उनके शासन के प्रति वफादार रहेगी एवं उसकी उत्तराधिकारियों के प्रति अपनी श्रद्धा बनाए रखेगी।

 

 

तीन.           ब्रिटिश महारानी ने विस्काउंट कैनिंग को भारत क्षेत्र का अपना पहला वायसराय नियुक्त किया जो उनके लिए भारत पर गवर्नर जनरल की पदवी पर शासन करेगा।

 

चार.            महारानी ने ही इस इंडिया कंपनी के सभी अधिकारियों एवं सेना को अपने शासन की नौकरी में पक्का कर लिया।

 

 

पाँच.           इंग्लैंड की महारानी भारतीय राजाओं और ईस्ट इंडिया कंपनी के मध्य की गई सभी संधियों एवं व्यवस्था को स्वीकार करना एवं उनकी शर्तों को पूर्ण रूप से निभाने का विश्वास दिलाया।

 

छः.              इंग्लैंड की महारानी ने घोषणा की की भारत में क्षेत्र विस्तार की नीति को नहीं अपनाएगी। इसी के साथ ही भारत पर अपने अधिकारों का पूरी सुरक्षा करेगी और दूसरों के अधिकारों का भी हनन नहीं होने देगी।

 

 

सात.         इंग्लैंड की महारानी ने घोषणा की कि वह किसी भी तरह अपने धार्मिक विश्वास को भारतीयों पर कभी नहीं रोपेंगी और ना ही थोपेगी। इसी के साथ वह भारतीय प्रजा की धार्मिक आस्थाओं में कोई हस्तक्षेप नहीं करेगी।

 

आठ.         इंग्लैंड की महारानी ने घोषणा की कि वह भारतीय राज्यों के समान गौरव एवं अधिकारों का पूर्ण आदर करेंगी  एवं निभाएगी।

 

 

नौ.              भारतीय प्रजा के प्रत्येक व्यक्ति के साथ एक सम्मान एवं पूर्ण न्याय होगा।

 

दस.           भारतीय प्रजा के प्रत्येक व्यक्ति को बिना किसी नस्ल, आस्था एवं विश्वास के भेदभाव  से प्रशासनिक सेवाओं में प्रवेश प्राप्त करने का अवसर दिया जाएगा।

 

 

ग्यारह.     कानून के लेखन, निर्माण एवं लागू करते समय भारतीय आस्था, अधिकारों एवं रीतियों को ध्यान में रखा जाएगा।

 

बारह.       इंग्लैंड की महारानी ने 1857 की घटना पर खेद व्यक्त किया और उन में भाग लेने वाली प्रजा को आम माफी की घोषणा की। 1857 की घटना में संलिप्त सभी अधिकारियों को क्षमा दी गई। परंतु जिन्होंने अंग्रेजों की हत्या की थी उन्हें इस क्षमा के घेरे से बाहर रखा गया। इस संबंध में लॉर्ड कैनिंग   की नरम नीति का समर्थन किया गया।

 

तेरह.         अंत में महारानी विक्टोरिया ने घोषणा की कि उनका प्रशासन भारतीय उद्योग, उन्नति एवं शांति के लिए कार्यरत रहेगा एवं प्रशासन सामान्य कल्याण एवं विकास की नीति अपनाएगा।